अररियाएक घंटा पहले
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- 1939 में फारबिसगंज के एक लाइब्रेरी में आने पर उमड़ पड़ी थी लोगों की भीड़
देश के स्वाधीनता आंदोलन के नायकों में से एक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को लोग बड़े ही धूमधाम के साथ पराक्रम दिवस के रूप में मनाते हैं। तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा,जय हिंद जैसे नारे से आजादी की लड़ाई को ऊर्जावान बनाने वाले नेताजी सुभाषचंद्र बोस का अररिया के लोगों से भी गहरा लगाव था। डॉ बीपी वर्मा बताते थे कि नेताजी 1939 में अररिया आए थे। लोगों ने बताया कि सुरेश चन्द्र गुप्ता उनके अच्छे दोस्तों में से एक थे। सुभाष चन्द्र बोस पत्र के जरिये बराबर इनके परिवार व अररिया के लोगों की खोज खबर लेते रहते थे।
24 अक्टूबर 1938 को नेताजी ने कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में लिखा था पत्र
नेताजी सुभाषचंद्र बोस के दोस्त माने जाने वाले सुरेश गुप्ता के परिजन भी अब अररिया में नहीं है। बताया जा रहा है कि वे लोग भी कोलकाता में शिफ्ट कर गए।सुभाष चन्द्र बोस सुरेश को कई बार पत्र भी लिखा था। एक चिट्ठी नेताजी ने 24 अक्टूबर 1938 में लिखा था। उस समय वे राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष थे। हालांकि यह चिट्ठी बंगला में लिखी गयी थी। लेटर पेड में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी, स्वराज भवन इलाहाबाद अंकित है।