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- The Tricolor Hoisted In Sandys Is Not Hoisted Again, 20 Minutes Before The Flag Hoisting, It Is Accompanied By The Band’s Tune And Salute.
भागलपुरएक घंटा पहलेलेखक: अभिजीत सिंह
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गणतंत्र दिवस से पहले सैंडिस कंपाउंड में झांकी का रिह्रर्सल करतीं छात्राएं।
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा…। सैंडिस कंपाउंड मैदान में स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर जिला स्तरीय मुख्य समाराेह में तिरंगा फहराया जाता है। खास बात यह है कि यहां एक बार फहराया गया तिरंगा दाेबारा नहीं फहराते हैं। एक बार फहराने के बाद झंडे काे पुलिस लाइन में सार्जेंट मेजर कार्यालय में बने एक रूम में बाॅक्स में रखा जाता है।
हर बार जिला प्रशासन की ओर से नया झंडा मिलता है। गणतंत्र दिवस की सुबह नाै बजे फहराया जाने वाला तिरंगा बुधवार की शाम काे पुलिस की टीम काे मिल गया। टीम में 11 पुलिसकर्मी है। इसी टीम पर झंडा लगाने और उतारने की जवाबदेही है। यह टीम गुरुवार की सुबह आठ बजे सैंडिस पहुंच जाएगी। झंडाेत्ताेलन से ठीक बीस मिनट पहले बैंड की धुन और सलामी के साथ वहां तिरंगा लगाया जाएगा। कमिश्नर वहां झंडाेत्ताेलन करेंगे।
72 इंच लंबा व 48 इंच चाैड़ा है तिरंगा
सैंडिस में फहराया जाने वाला तिरंगा 72 इंच लंबा और 48 इंच चाैड़ा है। टीम का नेतृत्व करनेवाले सिपाही कसमुद्दीन शेख ने बताया कि वह बीते आठ साल से तिरंगा लगा रहे हैं। 20 जनवरी से ही इसके लिए रिहर्सल कर रहे हैं। टीम में एक महिला परिचारी भी है।
हर बार जिला प्रशासन की ओर से सैंडिस के कार्यक्रम के लिए नया तिरंगा मिलता है। टीम कमिश्नर, डीआईजी, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, डीएम ऑफिस व आवास और एसएसपी कार्यालय में भी तिरंगा लगाती है। जवानों को चार टीमों में बांटकर काम करते हैं।
कंधे पर रखकर पुलिस लाइन ले जाते हैं तिरंगा
हवलदार उपेंद्र तिवारी ने लगातार 15 वर्षाें तक सैंडिस में तिरंगा लगाया था। आठ साल पहले तबादला बांका हाे गया ताे सिपाही कसमुद्दीन शेख काे इसकी ट्रेनिंग दी थी। कसमुद्दीन शेख ने बताया कि टीम पुराने तिरंगे का इस्तेमाल रिहर्सल के दौरान करती है।
झंडोतोलन या ध्वजारोहण से करीब बीस मिनट पहले बैंड की धुन और सलामी के साथ तिरंगा लगा देते हैं। सूर्यास्त से पहले सलामी के बाद तिरंगे को उतारते हैं। कंधे पर रखकर उसे पुलिस लाइन ले जाते है।