पटना33 मिनट पहले
23 दिसंबर को हुए बिहार स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (BSSC) के पहले एग्जाम का क्वेश्चन पेपर लीक करने के बाद बेगूसराय के रौशन ने किस-किस को उसे भेजा था? क्वेश्चन पेपर को भेजने के लिए व्हाट्सएप का इस्तेमाल किया था या फिर सोशल मीडिया के दूसरे प्लेटफॉर्म का? कई ऐसे सवाल हैं जो अब भी बरकरार है। इस केस की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (EOU) को भी रौशन की गिरफ्तारी के बाद उपजे सवालों का जवाब नहीं मिला है। ऐसी स्थिति में अब पटना के जेल में बंद रौशन ही सारे सवालों का जवाब देगा।
वहीं, बताएगा कि उसने एग्जाम के दौरान क्वेश्चन पेपर का फोटो खींचने के बाद उसे कहां-कहां भेजा था? इसके लिए जल्द ही आर्थिक अपराध इकाई रौशन को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। फिलहाल रौशन पटना के जेल में बंद है।

बेगूसराय में विकास विद्यालय है।
कहां है रौशन का मोबाइल?
बेगूसराय में विकास विद्यालय है। इस स्कूल के मालिक भाजपा के बेगूसराय जिलाध्यक्ष राजकिशोर सिंह हैं और रौशन इसी स्कूल का अकाउंटेंट था। पेपर लीक की जांच करते हुए EOU की SIT विकास विद्यालय तक पहुंची थी। फिर वहां का CCTV फुटेज खंगालने के बाद रौशन की पहचान की। उसके द्वारा पेपर लीक किए जाने के ठोस सबूत मिले। एग्जाम के दरम्यान उसकी सारी हरकतें CCTV में कैद मिली। पर जांच एजेंसी के हाथ जो नहीं लगा, वो रौशन का मोबाइल।
EOU के अनुसार, रौशन ने अपने मोबाइल से फोटो खींची थी। इसके बाद सबूत मिटाने के लिए उसने अगले ही दिन मोबाइल को ठिकाने लगा दिया। उसने अपने मोबाइल का क्या किया? इस बारे में किसी को कुछ नहीं पता। लेकिन, सबको इस बात का पता जरूर है कि उसने अगले ही दिन एक नया मोबाइल खरीदा था। जो उसके पास से जांच एजेंसी को मिला भी। अब उसका पहले का मोबाइल कहां है? यह सवाल भी फिर से रिमांड के दौरान रौशन से पूछी जाएगी।

रौशन से पूछताछ करने के बाद काफी सारे क्लू जांच एजेंसी के हाथ लग सकते हैं।
बढ़ेगा सकता है जांच का दायरा
संभावना है कि रौशन को रिमांड पर लेकर पूछताछ किए जाने के बाद काफी सारे क्लू जांच एजेंसी के हाथ लग सकते हैं। उन्हें नई जानकारियां मिल सकती है। बेगूसराय के विकास विद्यालय से पेपर लीक करने में उसके अलावा कौन-कौन से लोगों की सांठगांठ है? इसकी जानकारी सामने आने की उम्मीद की जा रही है। अगर और किसी की मिली भगत इसमें हुई तो निश्चित तौर पर EOU की जांच और कार्रवाई आगे बढ़ेगी।
बताना होगा कि उन्हें कहां से मिला क्वेश्चन पेपर?
बेगूसराय के विकास विद्यालय से लीक हुए क्वेश्चन पेपर को दो अलग-अलग लोगों ने ईमेल के जरिए जांच एजेंसी को भेजा था। इसी के आधार पर EOU की टीम ने जांच की थी और उन्हें सफलता भी मिली। पर बड़ा सवाल यह है कि जिन दो लोगों ने ईमेल कर क्वेश्चन पेपर को भेजा था, उन्हें ये कहां से मिला था? कब और कितने बजे उनके पास ये क्वेश्चन पेपर आया था? इन सवालों का जवाब जानने के लिए EOU ईमेल भेजने वाले उन दोनों लोगों को नोटिस भेजेगी। उन्हें पटना स्थित अपने ऑफिस बुलाएगी और पूछताछ करेगी। उन्हें भी जांच एजेंसी के सवालों का जवाब देना होगा।