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- Ramkripal Yadav Demanded That The Drought Affected Area Be Declared, Ahar Peen All Dry; 41% Less Rainfall
पटनाएक घंटा पहले
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सांसद रामकृपाल यादव।
बारिश नहीं होने से बिहार में किसानों के बीच हाहाकार की स्थिति है। सूखा के संकट को पाटलिपुत्र के सांसद और पूर्व मंत्री रामकृपाल यादव ने लोकसभा में शुक्रवार को उठाया है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के असर का बुरा परिणाम पूरा बिहार भुगत रहा है। इस वर्ष एक जून से 29 जुलाई तक बिहार में अपेक्षित 485.4 मिली मीटर वर्षापात की तुलना में मात्र 287.2 मिली मीटर वर्षापात हुआ है जोकि लक्ष्य से 41 प्रतिशत कम है। वर्षापात में कमी से बिहार के 91 प्रतिशत किसान सूखे से बुरी तरह प्रभावित हैं। उन्होंने मांग की कि बिहार में जल्द ही एक उच्चस्तरीय टीम भेजकर सूखे की स्थिति का आकलन कराया जाय और बिहार को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की दिशा में तेज कार्रवाई की जाए।
अभी तक महज 48 फीसदी में ही धान की रोपनी, वहां भी सिंचाई का संकट
उन्होंने कहा कि बिहार में धान की खेती के लिए 35 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित है परंतु अभी तक मात्र 17.09 लाख हेक्टेयर में ही धान की रोपनी हो पाई है। यह लक्ष्य का मात्र 48.8 प्रतिशत है। वर्षापात में कमी के कारण भूगर्भ जल का लेयर भी काफी कम हो गया है। इस कारण बिजली रहते हुए भी पानी का लेयर भाग जाने के कारण मोटरपंप से भी भूगर्भ जल नहीं आ रहा है।
मवेशियों के चारा संकट की समस्या भी आने वाली है
रामकृपाल यादव ने कहा कि बिहार सरकार ने डीजल अनुदान की राशि निर्गत करने का फैसला लिया है। धान की फसल बर्बाद होने की स्थिति वैकल्पिक फसल के लिए मुफ्त बीज वितरण के लिए आकस्मिक फसल योजना के तहत 200 करोड़ का प्रावधान भी किया है। कम वर्षापात के कारण पेयजल संकट के साथ- साथ धान की खेती को काफी नुकसान होने की स्थिति में मवेशियों के समक्ष चारा संकट की समस्या भी पैदा होने वाली है।
पटना, भोजपुर में सिंचाई के लिए पानी नहीं
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के बाणसागर और उत्तरप्रदेश के रिहंद जलाशय के जलग्रहण क्षेत्रों में कम बारिश के कारण धान का कटोरा कहे जाने वाले मेरे संसदीय क्षेत्र पाटलीपुत्र सहित पूरे शाहाबाद, भोजपुर, बक्सर, औरंगाबाद, रोहतास, कैमूर और अरवल सहित कई इलाकों के नहरों में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं है। अन्य छोटी- छोटी बरसाती नदियों में भी पानी नहीं है। आहर,पईन सब सूख गए हैं। स्थिति भयावह है। केन्द्र सरकार को तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।