गया27 मिनट पहलेलेखक: दीपेश
बिहार पुलिस अब तोते के जरिए शराब धंधेबाजों (तस्कर) की जानकारी जुटा रही है। वह तोते से बात कर शराब धंधेबाज और शराब बनाने की विधि की जानकारी जुटाने में जुटी है। ताजा मामला नक्सल प्रभावित गुरुआ थाना का है। हालांकि, तोता अपने स्वामी का बड़ा भक्त पुलिस से एक कदम आगे निकला। उसने बिहार पुलिस को अपने मालिक के बाबत तनिक भी जानकारी नहीं दी। इससे निराश होकर गुरुआ थाने की पुलिस की टीम शराब धंधेबाज अमृत मल्लाह के घर से बैरंग लौट गई।
दरअसल मंगलवार रात दारोगा कन्हैया कुमार पुलिस टीम के साथ एक गांव में छापेमारी करने गए थे। वे शराब धंधेबाज को पकड़ने के लिए पूरी तैयारी से मंगलवार की रात गए थे। लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही शराब धंधेबाज और उसके परिवार के सदस्य घर छोड़ कर मौके से फरार हो गए। पुलिस जब घर के अंदर घुसी तो उसे वहां कोई नहीं मिला। मिला तो बस एक तोता। वह भी पिंजरा में बंद। तोते ने घर में बाहरी व्यक्ति को देखा तो वह जोर- जोर से आवाज निकालने लगा।
शराब धंधेबाज का अतापता पूछने लगे
इस पर पुलिस का ध्यान उस ओर गया। टीम को लीड कर रहे दारोगा को लगा कि शराब धंधेबाज की कुछ अहम जानकारी शायद तोता दे दे। शायद कुछ ऐसा ही सोच कर वह तोता से सच्चाई को जानने में जुट गए। शराब धंधेबाज का अतापता पूछने लगे। लेकिन तोता भी अपने मालिक का सच्चा भक्त निकला। वह अपने मालिक और घर वालों की आवाज को शायद पहचान था। इसलिए उसने रुपु कटोरे कटोरे के अलावा पुलिस वाले को कोई कुछ भी नहीं दिया।
पुलिस बार-बार पूछती रही पर तोते की ओर से कोई जवाब नहीं मिला
हालांकि गुरुआ पुलिस ने तोते से पूछा शराब धंधेबाज अमृत मल्लाह कहां गया। पुलिस बार-बार पूछती रही पर तोते की ओर से कोई जवाब नहीं मिला। उलटा उसने कुछ पल के लिए चुप्पी साध ली और अपनी गर्दन झुका कर शांत हो गया। जब कोई जवाब नहीं मिला तो पुलिस यह कह पूछ रही थी कि अच्छा मिट्ठू (तोता) बताओ तो अमृत मल्लाह कटोरे में शराब बनाता है। इस पर भी तोता कुछ विशेष नहीं बोला। वह सिर्फ रुपु कटोरे-कटोरे ही बोलता रहा। पीछे से अन्य पुलिस कर्मी भी लगे रहे। वे कहते रहे कि पूछिए पूछिए शायद कुछ बता ही दे। इधर कन्हैया कुमार से इस बाबत देर रात बात करने की कोशिश की गई तो उससे संपर्क नहीं हो सका।