गया6 मिनट पहले
गया में मनरेगा योजना को गरीबों को रोजगार की गारंटी देने के लिए लाया गया था। लेकिन अब यह योजना सरकारी राशि को बंदरबांट करने वाली योजना बन चुकी है। इस योजना में जमकर धांधली की जा रही है। मनरेगा में कार्य कराने के एवज में चालीस से लेकर पचास प्रतिशत तक अवैध वसूली की जा रही है।
कैसे होती है वसूली
किसी भी योजना को शुरू करने के पहले स्टिमिट बनाया जाता है।मजदूर और मिस्त्री का जॉब कार्ड बनवा कर उसे ऑनलाइन करना होता है।इसके साथ ही पक्के वर्क में मैटेरियल की राशि किसी वेंडर के खाते में जाती है। चाहे उस वेंडर के द्वारा सामान दिया या न दिया गया हो, जो व्यक्ति अपना काम कराना चाहते हैं उसे अपने पैसे से मजदूरी और मेटेरियल खरीद कर निर्माण कराना होता है। इसके बाद में जब सरकारी स्तर पर कार्य का पेमेंट किया जाता है तो उस समय निर्धारित कमीशन काट कर असली मजदूर को राशि दी जाती है।
पीओ की ओर से निर्धारित वेंडर और पीआरएस की ओर से निर्धारित मज़दूर जो की काम नहीं करते है। उनके खाते में राशि जाती है। यही हाल वेंडर के मामले मे है, जिसमें समान किसी दुकान का होता है। लेकिन मैटेरियल का पैसे उसी वेंडर के खाते मे जाता है, जो पीओ निर्धारित करते हैं। जिनकी दुकान का कोई मैटेरियल निर्माण कार्य में नही लगा होता है। इसका खुलासा खुद एक पीआरएस और एक ग्रामीण के वायरल हुए ऑडियो से हुआ है।
ताजा मामला उचौली पंचायत के खैरा गांव का है
बबलू कुमार यादव के पशु शेड का निर्माण होना था। उनकी ओर से पशु शेड का निर्माण करा दिया गया। यह वाकया 2020 21 का है।निर्माण होने के बाद बबलू ने पीआरएस से कई बार राशि मांगी।जिसके बाद उन्हें एक बार 55 हजार का चेक दिया वेंडर द्वारा दिया गया। इसके अलावा उनके भाइयों के खाते में जिन्होंने मजदूरी की थी उनके खाते में लगभग 9 हजार रुपए मजदूरी का पैसा भेजा गया।
इसके बाद 15 हजार रुपए और बबलू के खाते में भेजा गया। बबलू के अनुसार उसके पशु शेड का स्टिमिट एक लाख 48 हजार रुपए का बनाया गया था।जबकि उसे महज 70 हजार रुपये ही मिले। बाकी के पैसे की मांग उन्होंने संबंधित पीआरएस से की तो उन्हें कहा गया कि अब कोई पैसा नहीं मिलेगा। तुमको डीएम या फिर कही भी जाना है जा सकते हो।
पंचायत रोजगार सेवक साफ कह रहा है कि ऐसा केवल तुम्हारे साथ ही नहीं हो रहा है। सबके साथ किया जाता है। इस बातचीत का ऑडियो इलाके में धड़ल्ले से वायरल हो रहा है। इस योजना में एक कार्य में जबर्दस्त कमीशन का खुलासा हुआ है। इधर, पीओ रजनीश शेखर का कहना है कि बेशक ऑडियो का पर मामला 2020-21 से जुड़ा है। इस मामले को देखा जाएगा और फिर कार्रवाई की जाएगी।