गया3 घंटे पहले
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क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय, प्रशिक्षण महाविद्यालयों और जिला स्कूलों में नियुक्त शिक्षा लिपिकों के प्रोमोशन पर शिक्षा विभाग की भी मुहर लग गई। पिछले दिनों से इस प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी भी मिल चुकी है। सरकार ने मगध प्रमंडल में विभिन्न 160 पद स्वीकृत किए हैं।
निम्नवर्गीय लिपिक के पद पर नियुक्त होने के बाद पदोन्नति पाकर ये कार्यालय अधीक्षक के पद तक जाएंगे। इस दौरान इनकी नियुक्ति निम्नवर्गीय लिपिक से उच्चवर्गीय लिपिक और प्रधान लिपिक के पद पर होगी। पहले जहां बहाल होते थे वहीं से रिटायर भी हो जाते थे।
नियुक्ति के बाद प्रोन्नति का कोई प्रावधान नहीं था। अब 48 साल बाद राज्य सरकार ने ऐसे लिपिकों को कम से कम तीन पदोन्नति देने का फैसला किया है।
दरअसल, शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों, प्रशिक्षण महाविद्यालयों व जिलास्कूल में पदस्थापित लिपिकों की सेवा शर्तें 1974 में बनी थी, लेकिन इसमें प्रमोशन की कोई बात नहीं थी। फिर 45 साल बाद 2019 में सेवा शर्त का निर्माण हुआ और प्रोन्नति श्रृंखला का प्रावधान किया गया।
इस विसंगति से इन कार्यालयों में काम करने वाले लिपिकों में भारी असंतोष व्याप्त था। पिछले दिनों कर्मचारी संगठनों की मांग पर शिक्षा विभाग ने इन विसंगतियों को दूर करने की पहल शुरू की। मगध प्रमंडल में कार्यालय अधीक्षक के 06, प्रधान लिपिक 21, उच्च वर्गीय लिपिक 37 और निम्नवर्गीय लिपिक के 96 पद स्वीकृत किए गए हैं।
गया के 53 कर्मियों को होगा प्रोमोशन का फायदा
सरकार के इस निर्णय के बाद गया के 53 कर्मियों को मिलेगा प्रोमोशन का लाभ मिलेगा। जबकि औरंगाबाद जिला के 28, नवादा के 23, जहानाबाद के 09 और अरवल के 06 कर्मियों को प्रोन्नति मिलेगी। बिहार राज्य शिक्षा अनुसचिवीय कर्मचारी महासंघ के राज्याध्यक्ष अरविंद कुमार, जिला सचिव विजय कुमार सिन्हा समेत मो. अशरफ, उमाकांत विद्यार्थी, अरुण कुमार, राजीव कुमार, अंगीरा कुमार, मृगेंद्र कुमार, रंजीत कुमार आदि शिक्षा कर्मियों ने इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सरकार का निर्णय का स्वागत किया है।