पटना17 मिनट पहले
बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मौका मिलते ही केंद्र सरकार पर अपनी भड़ास निकाली। बुधवार को उन्होंने कहा कि बिहार को आगे बढ़ाने के लिए कर्ज लेना चाहते हैं। लेकिन, केंद्र उस पर भी रोक लगा रही है। ऐसे में गरीब राज्य क्या करें कैसे आगे बढ़े। पटना के एएन कॉलेज पहुंचे नीतीश कुमार ने जहां कॉलेज परिसर में बने कई भवनों का उद्घाटन किया। इस दौरान केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा।
पुराने दिनों को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वे तीन बार लोकसभा के चुनाव में खड़े हुए थे तो खुद चुनाव की काउंटिंग इसी कॉलेज में हुई थी। आप इसे समझ लीजिए कि मेरा आरएन कॉलेज कर्नाटक कितना पुराना रहा है। फिर केंद्रीय बजट को लेकर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने के सवाल पर चमन से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा हमलोग शुरू से इस चीज की मांग कर रहे हैं। कई बार मीटिंग भी हुई। लेकिन अभी तक इसको लेकर कोई स्पष्ट बात सामने नहीं आई है।
उन्होंने कहा है कि देश के हर राज्य का विकास करेंगे, हर राज्य में बिहार भी तो है। इसका विकास नहीं करेंगे? इसके बाद जब हम लोग राज्य को आगे बढ़ाने के लिए कर्ज लेने का सोच रहे हैं तो उस पर भी केंद्र सरकार रोक लगा रही है,ऐसे में हम लोग क्या करें। गरीब राज्य गरीब ही रह जाए। इससे पहले केंद्र सरकार कभी भी इतना ज्यादा इन चीजों में इंटरफ्रेंस नहीं किया करती थी।

एएन कॉलेज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार।
केंद्र से हो रही ज्यादा दिक्कतें
इसके बाद भी जब उनसे यह पूछा गया कि अलग होने के बाद केंद्र की तरफ से ज्यादा दिक्कत किया जा रहा है क्या? इस पर उन्होंने यह कहा कि क्या ही दिक्कत का करेंगे, जब साथ थे तो भी नहीं किया कुछ। अब अलग होकर भी कुछ नहीं कर रहे हैं। उनको तो नहीं देना है। गरीब राज्यों को तो नहीं देंगे। दिक्कत का क्या ही कर लेंगे।
कई बिल्डिंग का उद्घाटन
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना के एएन कॉलेज में बने कई भवनों का उद्घाटन करने पहुंचे। यहां उन्होंने सबसे पहले एएन कॉलेज के संस्थापक और बिहार के पूर्व सीएम सत्येन्द्र नारायण सिन्हा की प्रतिमा का आवरण किया। इसके बाद वे 500 कैपेसिटी वाले एएन कॉलेज में बने ऑडिटोरियम का उद्घाटन करने पहुंचे।
यहां मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि एक कॉलेज से हमारा नाता काफी पुराना रहा है। जब हम MP थे को एएन कॉलेज में टहलने आया करते थे। यहां के हर एक कार्यक्रम में भाग भी लिया करते थे।