बांका38 मिनट पहले
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बांका में अपने लाजवाब स्वाद और खुशबू के लिए मशहूर कतरनी की ब्रांडिंग फिर विदेशों तक होगी। इसके लिए पहल शुरू कर दी गई है। वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट के तहत बांका जिला को कतर आवंटित किया गया है। इसके तहत जिला प्रशासन और कृषि विभाग ने कतरनी की खेती का रकबा बढ़ाने के लिए धरातल पर कार्य योजना शुरू कर दिया है।
दरअसल, बांका जिले में कतरनी की खेती मूल रूप से रजौन प्रखंड के इलाके में होती है। सिंचाई की समस्या और उचित मूल्य नहीं मिलने के कारण कतरनी की खेती करने से किसान दूर होते चले गए। 10 साल पहले तक यहां कतरनी का रकबा अच्छा खासा था लेकिन आज रजौन प्रखंड के गिने-चुने किसान ही कतरनी का खेती कर रहे हैं। अब ऐसे किसानों को फिर से कतरनी की खेती करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके लिए कृषक हितकारी समूह का भी गठन किया गया है। कतरनी की मार्केटिंग के लिए एफपीओ भी बनाया जा रहा है।
कार्य योजना तैयार करने का निर्देश
कतरनी की खेती को बढ़ावा देने के लिए जिलाधिकारी अंशुल कुमार ने 6 अगस्त तक कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया है। जिला कृषि पदाधिकारी, सहकारिता पदाधिकारी, जीविका केडीपीएम और वरीय उप समाहर्ता को इसका जिम्मा सौंपा गया है। जिला प्रशासन की ओर से किसानों की समस्याओं का भी तुरंत निपटारा करने का निर्देश दिया गया है।