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- Seminar On Jananayak Karpoori Thakur Organized In Patna, Former Assembly Speaker Uday Narayan Chowdhary Said – Bharat Ratna Should Be Given To Karpoori Thakur
पटनाएक घंटा पहले
जननायक के नाम से जाने जाने वाले कर्पूरी ठाकुर का भारत के स्वतंत्रता में योगदान के साथ वे शिक्षक, राजनीतिज्ञ और बिहार के दूसरे उपमुख्यमंत्री और दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। बिहार में सामाजिक बदलाव में कर्पूरी ठाकुर का काफी योगदान रहा है। जिसे लेकर आज पटना के जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान में बिहार में सामाजिक बदलाव में कर्पूरी ठाकुर के योगदान को लेकर परिसंवाद का आयोजन किया गया। जिसमें विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, पूर्व शिक्षा मंत्री वृषण पटेल, खेत मजदूर संघ के पूर्व अध्यक्ष कृष्णदेव यादव और पद्मश्री सुधा वर्गीज सहित कई माननीय मौजूद रहे। इस दौरान कर्पूरी ठाकुर के योगदान को याद करते हुए सभी लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके विचारों को लोगों के बीच बताया।
बिहार के सामाजिक बदलाव में कर्पूरी ठाकुर का योगदान को लेकर जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान पटना में सोमवार को कर्पूरी ठाकुर के पूर्व जयंती पर सामाजिक बदलाव के विषय पर आयोजित परिसंवाद में कर्पूरी ठाकुर को लेकर कहा गया कि उन्होंने सामाजिक बदलाव को लेकर जो नजीर पेश किया उसका महत्व बहुत व्यापक और चिरकालिक है। उन्होंने सदैव अपनी राजनीति के केंद्र में समाज के अंतिम आदमी को रखा।
कर्पूरी ठाकुर की जयंती के पूर्व दिवस कार्यक्रम का संचालन अरूण नारायण ने किया। इस मौके पर फगुनी मांझी ने अपने जागरण गान ‘‘अब होश में आये हम, अब जोश में आयेंगे’’ का गायन किया। उन्होंने कहा कि आज भी बिहार में हाशिए के लोगों का जीवन बहुत दुरूह और मुश्किल है। कर्पूरी ठाकुर ने उनके जीवन में जो रौशनी लाने का सपना देखा था, उनका वह सपना पूरा नहीं हुआ है।
वहीं पूर्व शिक्षा मंत्री वृषिण पटेल ने इस कार्यक्रम के दौरान कहा कि कर्पूरी ठाकुर की सादगी कार्यकर्ताओं के प्रति उनका भाईचारा और गरीबों के बारे में उनकी सोच के कई लोग कायल हैं। 1978 में जब उन्होंने आरक्षण दिया तो उन्हें काफी कुछ सुनने को मिला और कईयों ने उन्हें गालियां भी दी थी।
इसके बाद पद्मश्री सुधा वर्गीज ने कहा कि मैं कर्पूरी जी से कभी मिली तो नहीं लेकिन उनके समय में बिहार में ही थी। उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार का सपना देखा था। वह समाज के हाशिए के लोगों के बहुत काम की चीज थे।