अररिया3 घंटे पहले
- कॉपी लिंक

- पथ निर्माण विभाग, पथ प्रमंडल के कर्मियों की तरफ घूमी शक की सुई
जिला में चतुर्थ श्रेणी के ठेकेदारों के निबंधन लाइसेंस के फर्जी पाए जाने के बाद इसकी सुई पथ निर्माण विभाग, पथ प्रमंडल अररिया के तरफ ही मुड़ गई है। संवेदकों की माने तो फर्जी लाइसेंस विभाग के कर्मियों ने ही दिया है। जानकारी के अभाव में ऑनलाइन संवेदक बनने की चाह में बेरोजगार युवक ठगी के शिकार हो गए। संवदकों की बात को बल तब मिला, जब मामला उजागर होने के बाद विभाग का एक कर्मी गायब है। इससे संपर्क नहीं हो रहा है। बताया जाता है फर्जी मिले लाइसेंस में अधिकांश का कर्ताधर्ता ओमप्रकाश नाम का ही कर्मी है। इसको लेकर संवेदक संघ भी बचाव में सामने आ गया है। कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार ने संघ की शिकायत पर कार्रवाई या जांच बात कहने की बजाए बचाव की मुद्रा में आकर कहा कि जब पैसे लेकर लाइसेंस का खेल चल रहा था, तब किसी ने शिकायत क्यों नहीं की? संवेदक संघ ने जब इसकी पड़ताल की तो यह सामने आया है कि पथ प्रमंडल अररिया के एक कर्मी पिछले 15 दिनों से भूमिगत हैं। वह तब से गायब हैं, जबसे एलएईओ ने लाइसेंस सत्यापन के लिए पत्र पथ प्रमंडल भेजा। बताया जा रहा है कि कुछ बेरोजगार युवक जानकारी के अभाव में विभागीय कर्मी के बिछाए गए जाल में फंसकर न सिर्फ आर्थिक शोषण के शिकार हुए बल्कि अब उनके लाइसेंस में भी फर्जीवाड़ा किया गया। ऐसे ठगी के शिकार हुए कुछ युवक ने कहा कि पीडब्ल्यूडी के ओमप्रकाश नामक स्टाफ इसका मास्टरमाइंड है। हालांकि दैनिक भास्कर इसकी पुष्टि नहीं करता है। ओमप्रकाश नामक स्टाफ से कोई सम्पर्क नहीं हो पाया। इधर जिला संवेदक संघ के जिला महासचिव ने कहा कि इस मामले में संवेदक कहीं भी दोषी नहीं हैं। संवेदक को तो पता ही नहीं था कि जो लाइसेंस पथ निर्माण विभाग, पथ प्रमंडल अररिया के कर्मी दे रहा है, वो फर्जी है। उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि पथ प्रमंडल अररिया के कुछ कर्मी की एक टीम है, जो चतुर्थ श्रेणी के लाइसेंस बनवाने वाले से जल्दी लाइसेंस बनाकर देने के नाम पर मोटी रकम लेकर कुछ दिनों बाद उनके द्वारा खुद से बनाया फर्जी लाइसेंस दे दिया जाता था। जिस बात से अनजान संवेदक बनने की चाह रखने वाले लोग फर्जी लाइसेंस के आधार पर निविदा में भाग ले रहे थे।
विभागीय अधिकारी को करनी चाहिए कार्रवाई
अविनाश आनंद ने कहा कि पथ प्रमंडल अररिया के कार्यपालक अभियंता भी अपने विभाग में काम करनेवाले ऐसे कर्मी को चिह्नित कर उन पर फर्जी लाइसेंस बनाकर चतुर्थ श्रेणी के संवेदक को ठगने के जुर्म पर कार्रवाई करनी चाहिए। जल्द ही चतुर्थ श्रेणी के संवेदक एकजुट होकर पथ प्रमंडल अररिया के फर्जी लाइसेंस बनाकर देने वाले कर्मी के ख़िलाफ़ आवेदन देंगे और आंदोलन करेंगे।इस पूरे मामले में संवेदक पर एकतरफा अंगुली उठाया जाना सरासर गलत है। श्री आनन्द ने इस पूरे प्रकरण पर जिला प्रशासन से जांच की मांग कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई की माँग की है।
जब लाइसेंस बनवा रहे थे तो किसी ने नहीं की शिकायत : ईई
इस सम्बंध में पथ प्रमंडल अररिया के कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार ने संघ की ओर से लगाये गए आरोपो पर कहा कि जब कोई किसी माध्यम से अगर पैसे देकर लाइसेंस बनवा रहा था तो किसी ने उनसे शिकायत नहीं की। सभी लाइसेंस अब ऑनलाइन बनते हैं,ऑफलाइन की कोई गुंजाइश ही नहीं। ऐसे में स्टाफ पर आरोप लगाना गलत है।हालांकि उन्होंने कहा कि वे इस मामले की जांच करेंगे।