मुजफ्फरपुरएक घंटा पहले
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कामयाबी पर वैभव प्रिय को मिठाई खिलाते माता-पिता।
शहर के वैभव प्रिय ने पहले ही प्रयास में बीपीएससी में सफलता हासिल की है। उन्हें 20वीं रैंक मिली है। वे डीएसपी बनेंगे। वे शहर के नया टोला सब्जी मंडी में रहते हैं। पिता रेलवे से सीनियर पर्सनल ऑफिसर के रूप में रिटायर्ड हुए हैं। अपनी सफलता का श्रेय पिता को देते हुए वेभव बताते हैं, उनका शुरू से ही लक्ष्य था कि सिविल सेवा में ही जाना है।
बीपीएससी में योगदान देने के साथ ही वे यूपीएससी की तैयारी जारी रखेंगे। यूपीएससी में यह उनका दूसरा प्रयास होगा। सितंबर में होने वाली मेंस परीक्षा में वे शामिल होंगे। वैभव ने एनआईटी प्रयागराज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। 2019 में पासआउट होने के बाद उन्होंने कैंपस प्लेसमेंट में हिस्सा नहीं लिया। सीधे घर आ गए।
इसके बाद सिविल सर्विसेस की तैयारी करने दिल्ली गए। वहां 6 महीने बाद ही कोरोना आ गया। इस कारण वे वापस घर लौट गए। घर से ही सिविल सेवा की तैयारी करने लगे। सेल्फ स्टडी पर फोकस करते हुए उन्होंने बीपीएससी क्रैक की। उनके पिता अजय सिंह और मां रेणु सिंह हैं।
सक्सेस टिप्स : सेल्फ स्टडी पर फोकस करते हुए बीपीएससी क्रैक किया, अब सितंबर में होने वाली मेंस में होंगे शामिल
बीपीएससी के लिए पिछले वर्ष के प्रश्नों का अभ्यास करना जरूरी
वैभव ने बताया कि बीपीएससी में सफलता के लिए यह जरूरी है कि पिछले वर्षों के प्रश्नों का पूरा अभ्यास किया जाए। वहीं, लिखने का अभ्यास निरंतर होना चाहिए। खासकर दीर्घ उत्तरीय सवालों में विषय पर पकड़ बेहतर लिखावट होना जरूरी है। इसके लिए निरंतर अध्ययन जरूरी है। प्रीलिम्स के लिए यह जरूरी है कि अभ्यर्थी को बिहार की पूरी जानकारी हो। इससे अधिक सवाल पूछे जाते हैं। वहीं, करेंट अफेयर्स पर भी समान तरीके से ध्यान देना जरूरी है।
कुमार गौरव को चौथे प्रयास में बीपीएससी में मिली सफलता
साहेबगंज के हुस्सेपुर के कुमार गौरव ने चौथे प्रयास में बीपीएससी में सफलता पाई। उन्हें 217वीं रैंक मिली है। वे प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी के रूप में योगदान देंगे। उन्हाेंने बताया, पिता राम नारायण पटेल हाई स्कूल शिक्षक से रिटायर्ड हैं, जबकि मां सरोज पटेल गृहिणी हैं। इससे पहले दूसरे प्रयास में उन्होंने इंटरव्यू दिया था। एमटेक के बाद सिविल सेवा की तैयारी में जुटे थे।