नालंदा17 मिनट पहले
नालंदा के रहुई प्रखंड के जदयू अध्यक्ष राकेश कुमार उर्फ राकेश मुखिया।
जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं । पहले तो उन्हें राज्यसभा के टिकट से वंचित रखा गया। अब अपनी ही पार्टी के लोगों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वजह है नालंदा के रहुई प्रखंड के जदयू अध्यक्ष राकेश कुमार उर्फ राकेश मुखिया द्वारा प्रदेश नेतृत्व से लिखित में की गई शिकायत।
राकेश मुखिया ने अपने आवेदन में कहा है कि नालंदा जिले के अस्थावां ब्लॉक में 40 बीघा, इस्लामपुर ब्लॉक में 30 बीघा तथा राजगीर और बिहार शरीफ में भी पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के व इनके परिवार के नाम पर वर्ष 2010 से 2022 के बीच कई प्लॉट खरीदी गई हैं। इन्होंने इन सभी संपत्तियों का जिक्र 2016 के राज्यसभा चुनाव के वक्त भी अपने हलफनामे में दायर नहीं किया था। यह मुख्यमंत्री के जीरो टोलरेंस की नीति के विपरीत है।
जब राकेश मुखिया से यह पूछा गया कि आरोप अब क्यों लगा रहे हैं, तो कहा कि इसकी जानकारी उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कई बार देनी चाही थी। लेकिन तब आरसीपी सिंह के आगे-पीछे रहनेवाले लोग मुख्यमंत्री से मिलने नहीं देते थे। साथ में आरसीपी सिंह के ऊंचे ओहदे के कारण हमलोग हिम्मत भी नहीं जुटा पाते थे।
क्या है मामला
बता दें कि नालंदा जदयू के दो कार्यकर्ताओं ने आरसीपी सिंह की शिकायत की है। इसीपर उन्हें जवाब देने को कहा है। आरोप है कि साल 2013 से 2022 तक उन्होंने कई जमीनें खरीदी हैं और अकूत संपत्ति बनाई है। इसके अनुसार, आरसीपी और उनके घर वालों ने 2013 से अब तक नालंदा जिले के सिर्फ दो प्रखंड अस्थावां और इस्लामपुर में करीब 40 बीघा जमीन खरीदी है। कई और जिलों में भी उनकी संपत्ति होने की बात भी कही गई है।
पार्टी ने इसे भ्रष्टाचार के मोर्चे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के खिलाफ माना है। अपने ही पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ जांच करने और उनसे भ्रष्टाचार संबंधी सवाल-जवाब करने वाली जदयू हालिया वर्षों में संभवत: देश की पहली पार्टी है।
आरसीपी चुप, करीबी बोल रहे – नहीं देंगे जवाब
इसपर अभी तक आरसीपी सिंह की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। लेकिन उनके करीबी इन आरोपों को निराधार बता रहे हैं। आरसीपी सिंह के करीबी कन्हैया सिंह के अनुसार यह खेती की जमीनें हैं। कई जमीनों के बदले में जमीनें ली गई हैं। इसके लिए अकाउंट से कोई ट्रांजैक्शन नहीं किया गया है। उनके ऊपर जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वो निराधार हैं। उनकी एक बेटी आईपीएस और दूसरी अधिवक्ता है। 2010 से ही दोनों बेटियां इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करती आ रही हैं। इनके दादा भी सरकारी नौकरी में थे। उन्होंने अपनी बेटियों को जमीनें दे दी हैं। इनसे सालाना 25-30 लाख की कमाई है और यह सब डॉक्यूमेंटेड है। टैक्स दिया गया है।
35 पन्नों में जमीन की खरीद और इससे जुड़ी जानकारी
जदयू सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने आरसीपी को पत्र भी लिखा है। इसमें बताया गया है कि नालंदा जिले में जदयू के दो साथियों की सबूत के साथ शिकायत मिली है। खरीदी गई ज्यादातर जमीनें आरसीपी सिंह की पत्नी (गिरजा सिंह) और दोनों बेटियों (लिपि सिंह, लता सिंह) के नाम पर है। एक आरोप यह भी है कि आरसीपी ने खासकर 2016 के अपने चुनावी हलफनामे में इसका जिक्र नहीं किया है।