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- Rishabh Anand Of Begusarai Got 46th Place In BPSC Examination, There Is An Atmosphere Of Happiness In The Area With Family, Mother Is Teacher And Father Is Farmer
बेगूसराय36 मिनट पहले
बेगूसराय के ऋषभ को आनंद को मिला 46वां स्थान
बेगूसराय के लाल ऋषभ आनन्द ने पहले ही प्रयास में बीपीएससी की परीक्षा में 46वां रैंक प्राप्त किया है। वह जिले के सदर प्रखंड के बागबाड़ा गांव निवासी किसान संजय कुमार चौधरी के पुत्र हैं। ऋषभ आनंद उर्फ भानु ने प्रथम प्रयास में ही बीपीएससी की परीक्षा में 46 वां रैंक लाकर न सिर्फ अपने माता पिता का बल्कि इलाके और जिला का भी नाम रोशन किया है। ऋषभ दो भाई में छोटे है। बड़े भाई आदित्य आलोक एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं। श्रृषभ आनंद की मैट्रिक और इंटर की पढ़ाई बेगूसराय में ही निजी विद्यालय से हुई है।
उसके बाद इन्होंने कोलकाता से इंजीनियरिंग में स्नातक किया। इसके बाद कुछ दिनों के लिए यह दिल्ली गए और वहां उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी की। इन्होंने बीपीएससी में पहले ही प्रयास में बेहतर परिणाम हासिल कर जिला का नाम रोशन किया। श्रृषभ का कहना है कि कठिन मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने मेहनत और अनुशासन के बलबूते यह सफलता हासिल की है। अपने इस सफलता का श्रेय अपने परिजनों के अलावा दोस्तों को भी दिया है। ऋषभ का चयन एडीटीओ अधिकारी के पद पर हुआ है। उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की भी तैयारी की है।
बिहार में काम करने के बहुत अवसर , पारदर्शिता के साथ नये टेक्नोलॉजी पर कामऋषभ आनन्द ने कहा कि बिहार राज्य में काम करने का बहुत अवसर है। उनका चयन ट्रांसपोर्ट विभाग में हुआ है वह पारदर्शिता के साथ नये टेक्नोलॉजी के साथ काम कर अपने राज्य के विकास में योगदान देंगे। पिता संजय कुमार चौधरी अपने पुत्र की इस सफलता पर कहते हैं कि वे किसान हैं और किसान कभी मेहनत से पीछे नहीं हटता है। उनके पुत्र का मेहनत और परिवार का सहयोग ने उन्हें आज एक अप्रत्याशित खुशी दी है।
उनकी माता अर्चना कुमारी शिक्षिका है। जैसे ही गांव एवं आसपास के लोगों को पता चला है कि ऋषभ को बीपीएससी परीक्षा में 46 वां रेंक मिला है तो लोगों की शुभकामना देने को लेकर घर पर जुटने लगे। इससे पूरे गांव खुशी का माहौल है।तैयारी के दौरान इस प्रकार की रही रणनीतिऋषभ बताते हैं कि उन्होंने बीपीएससी की परीक्षा के लिए सबसे पहले मेंन्स का तैयारी किया। क्योंकि मेंन्स की तैयारी करने में समय कम मिलता है। अपनी पढाई के दौरान इंटरनेट का भी सहारा लिया। नोटस तैयार किए फिर किताबें पढ़ना शुरू की और इसके साथ ही साक्षात्कार की भी तैयारी किया। दोस्तों के साथ ग्रुप डिस्कशन भी किया करते थे।