पटना5 मिनट पहले
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने रामचरितमानस को लेकर सपा नेता स्वामी प्रसाद के बयान का कड़ा विरोध किया है। दिल्ली से पटना पहुंचने पर सोमवार को उन्होंने कहा कि बैंड बाजा तो उनका बज जाएगा, उनके माता-पिता ने गलती किया कि उनका नाम स्वामी करके रखा। मर्यादित नाम है, उसको भी हटा देना चाहिए उनके नाम से…..।
दरअसल, रविवार को सपा नेता स्वामी प्रसाद ने भी रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दिया दिया था। अब इस पर भी खूब राजनीति हो रही है। उन्होंने कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है। यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है। उन्होंने इस को बैन करने की बात भी कह दी थी। इससे पहले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान पर बवाल मचा हुआ था।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने यह भी कहा कि रामचरितमानस ग्रंथ का जिस प्रकार से विरोध हो रहा है। यह पूरी तरह से साजिश के तहत, षड्यंत्र रच के समाज को तोड़ने की साजिश है। कुछ लोग समाज विरोधी हैं, जो गंदी बातें इस तरीके की कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे लोगों का समाज में बहिष्कार होना चाहिए, जो इस तरह की गंदी और ओछी बातें करते हैं।
सपा नेता ने क्या कहा था
समाजवादी पार्टी के नेता पूर्व मंत्री और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा कि देश में दलितों को पढ़ने का अधिकार अंग्रेजों ने दिया था। रामचरित मानस को तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिया था। इसे कोई नहीं पढ़ता, ये बकवास है।
उन्होंने आगे कहा था कि रामचरित मानस को करोड़ों लोग नहीं पढ़ते है, मानस के कुछ हिस्से पर मुझे आपत्ति है। सरकार को भी रामचरित मानस पर संज्ञान लेकर इसके आपत्तिजनक हिस्से के अंश को हटाना चाहिए।स्वामी प्रसाद ने कहा था कि हो सकते तो इस किताब को ही बैन कर देना चाहिए।