औरंगाबादएक घंटा पहले
औरंगाबाद में पोस्टमॉर्टम के लिए चिकित्सकों ने खड़े किए हाथ।
औरंगाबाद के मदनपुर थाना क्षेत्र के माया बिगहा गांव में सोमवार को मां के द्वारा एक 14 वर्षीय बेटे मारुति नंदन कुमार की हत्या कर शव दफनाने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में रहा। लेकिन उसकी पोस्टमार्टम कराने में स्वजनों को काफी ज्यादा परेशानियां हुई। शव लेकर मृतक के परिजन गया और औरंगाबाद करते रहे। तकरीबन 15 घंटे बाद शव का पोस्टमार्टम मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल गया में कराया गया।
बताते चले कि शिवगंज निवासी एक मां ने अपने ही बेटे की हत्या कर अपने घर से करीब 500 मीटर की दूरी पर एक अर्ध निर्मित मकान के चार दिवारी में शव को दफना दिया था। जिसके बाद सूचना पाकर रविवार को पुलिस ने मजदूर के माध्यम से गड्ढे खुदवाकर शव को बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल औरंगाबाद भेज दिया। पोस्टमार्टम के दौरान चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम करने से इंकार कर दिया। जिसमे बताया कि शव पूरी तरह से सड़ गया है केवल हड्डी बचा है जिसके कारण पोस्टमार्टम की व्यवस्था औरंगाबाद नहीं है।
सदर अस्पताल औरंगाबाद में पोस्टमार्टम नहीं होने के बाद शव को मगध मेडिकल कॉलेज भेजा गया। लेकिन वहां भी चिकित्सकों ने दूसरे जिले का शव होने के कारण पोस्टमार्टम करने से हाथ खड़ा कर दिया। लेकिन बताया गया कि न्यायालय के आदेश पर पोस्टमार्टम किया जा सकता है। जिसके बाद मदनपुर थाने की पुलिस ने पोस्टमार्टम की अनुमति के लिए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में प्रार्थना पत्र भेजा जिस पर कोर्ट ने पोस्टमार्टम का आदेश दिया।
जिसके बाद करीब 15 घंटे बाद कोर्ट के आदेश पर मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल गया में शव का पोस्टमार्टम कराया गया। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ० कुमार वीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि शव में केवल हड्डी होने के कारण पोस्टमार्टम यहां नहीं हो सकी। जिसके लिए मगध मेडिकल कॉलेज गया रेफर कर दिया गया। बताया कि ऐसे शव का फॉरेंसिक जांच के बाद पोस्टमार्टम होता है। लेकिन यहां फॉरेंसिक जांच की व्यवस्था नहीं होने के कारण गया भेज दिया गया।

