नालंदा4 घंटे पहले
नालंदा के जदयू सांसद कौशलेन्द्र कुमार ने नव नालंदा महाविहार डीम्ड यूनिवर्सिटी को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने की मांग। दरअसल, वे लोकसभा में गुजरात राज्य के बड़ोदरा स्थित रेलवे महाविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देकर उसका नाम गति शक्ति विश्वविद्यालय करने संबंधी बिल पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि यह स्वागत योग्य कदम है। अब सरकार का विचार 100 लाख करोड़ रेलवे के आधुनिकीकरण की परियोजनाओं में खर्च करने का है।
यह केन्द्रीय विश्वविद्यालय उन सभी आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम होगा। जिसकी आने वाले समय में देश को जरूरत है। गति शक्ति केन्द्रीय विश्वविद्यालय, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, नागर विमानन, पोर्टस, शिपिंग और जल परिवहन मंत्रालयों के लिए भी यह सहायक सिद्ध होगा।
कुमार ने कहा कि मैं बिहार प्रदेश से आता हूँ। जहाँ की धरती प्राचीन पठन-पाठन के लिए विश्व में अपना स्थान रखता है। सरकार नालंदा अन्तर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय पर काफी सहायता दे रही है। इसी क्रम में नालंदा में नव नालंदा महाविहार डीम्ड यूनिवर्सिटी है। जहाँ राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय भाषाओं की प्राचीन शास्त्रों एवं विषयों की पढ़ाई और शोध हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे गर्व होता है कि मैं उस नालंदा संसदीय क्षेत्र का सांसद हूँ, जहाँ से शिक्षा का संचार पूरे विश्व में हुआ है। शिक्षा के क्षेत्र में हमारे नालंदा और बिहार की एक अलग पहचान है। हमारे नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी भी शिक्षा को लेकर लगातार दूरदर्शी सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं और नालंदा में मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, डेन्टल कॉलेज, आईटीआई, कृषि महाविद्यालय, नर्सिंग कॉलेज, बीएड कॉलेज, डीम्ड यूनिवर्सिटी, पॉलिटेक्निक कॉलेज की स्थापना किए हैं।
भारत सरकार के सहयोग से अन्तर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की पढ़ाई भी शुरू हो चुकी है। विश्वविद्यालय का कार्य काफी तेजी से चल रहा है। यदि इसी कड़ी में नव नालंदा महाविहार डीम्ड यूनिवर्सिटी को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिल जाए, तो देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ.राजेन्द्र प्रसाद जी का सपना साकार होगा और नालंदा देश-विदेश में शिक्षा के प्रकाश को फिर से बिखेरने लगेगा।