- Hindi News
- Local
- Bihar
- Bettiah
- The Game Of Removing The Uterus Was Going On In The Nursing Home, The License Was Canceled And The FIR Was Ordered Against The Operator.
बेतियाएक घंटा पहले
नवजात शिशु के सौदेबाजी का वीडियो वायरल होने के बाद सिविल सर्जन डॉक्टर वीरेंद्र कुमार चौधरी ने अस्पताल रोड स्थित नीतू सर्जिकेयर का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। नवजात की कथित तस्करी और नर्सिंग होम संचालन में नियमों के उल्लंघन के आरोप में नर्सिंग होम के संचालक डॉ प्रमोद कुमार के विरुद्ध एफआइआर दर्ज करने का भी आदेश दिया है। सिविल सर्जन ने बेतिया पीएचसी के चिकित्सक प्रभारी डॉक्टर नसीम अहमद को मामले में तत्काल कार्रवाई करेंने का आदेश दिया है। इसके साथ ही सिविल सर्जन ने नर्सिंग होम को सील करने के लिए बेतिया सदर एसडीएम डॉ विनोद कुमार को पत्र लिखकर पुलिस एवं मजिस्ट्रेट उपलब्ध करने की मांग किए हैं। सिविल सर्जन ने मामले में नगर थानाध्यक्ष को पत्र भेजकर डॉ प्रमोद कुमार के विरोध एफआईआर दर्ज करने आदेश दिया गया है।
क्या है मामला
एक वीडियो वायरल होने लगा इस वीडियो में दिख रहा है कि डॉ प्रमोद कुमार किसी से बात करते नजर आ रहे हैं। वह अपने मोबाइल में एक नवजात शिशु की तस्वीर दिखाते हुए कह रहा है कि बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है। और रात ही महिला का सम्मान प्रसव कराया गया था। बच्चे के हाथ पैर भी ठीक है। वजन ढाई किलो के करीब है। इसे खरीदने के लिए ज्यादा पैसा खर्च करने पड़ेंगे।

बेचने के लिए बच्चे की तस्वीर दिखता डॉक्टर
नर्सिंग होम में चल रहा था गर्भाशय निकालने का खेल
इसका खुलासा सीएस की ओर से गठित चार सदस्य टीम की रिपोर्ट से हुआ है। टीम में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रमेश चंद्र, सीडीओ डॉ त्रियुगी नारायण प्रसाद, डीवीडीओ डॉक्टर हरेंद्र राम एवं बेतिया पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ मनु प्रियदर्शनी शामिल हैं। टीम ने रिपोर्ट में बताया है कि वे लोग सोमवार दोपहर अस्पताल में जांच के लिए पहुंचे। तो चैंबर में बैठे संचालक प्रमोद कुमार ने खुद को डॉक्टर बताया। पूछताछ की कोशिश की गई तो उन्होंने कर्मियों को ऊपर के चेंबर में बैठा दिया। इधर, वे स्टाफ के साथ फरार हो गये। हॉल में लगी आईसीयू के बोर्ड वाले कमरे में टीम गई तो वहां एक स्टाफ मौजूद था। वह इक्लैंपशिया के एक मरीज के आईवी लाइन से रक्त निकाल रहा था एवं पानी बाहर गिरा रहा था। कुछ मरीज का गर्भाशय निकाला गया था। वहीं कुछ का सिजेरियन ऑपरेशन किया गया था। वहां मौजूद मरीज के परिजनों ने टीम को बताया की ऑपरेशन डाॅ प्रमोद कुमार ने किया है। टीम जब दोबारा नीचे जांच करने गई तो सभी कमरों में ताला बंद था। मेजर ऑपरेशन के बावजूद किसी मरीज के पास पुर्जा नहीं मिला। कोई भी बोनाफाइड डॉक्टर नहीं था। जबकि क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत इस तरह के नर्सिंग होम में एक सर्जन, गायनोलॉजिस्ट, एनेस्थेटिक एवं पोस्ट ऑपरेटिव देखने के लिए डाॅक्टर जरूरी है। टीम ने अस्पताल का रजिस्ट्रेशन रद्द कर संचालक पर एफआईआर का प्रस्ताव रिपोर्ट में दिया है।