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- Higher Exports And Weather Conditions Also Led To A Rise In Prices, GST Increased By 5%, Rice flour Costlier By 20%
पटना4 घंटे पहले
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चावल आटा समेत अन्य प्रोडक्ट।
पांच फीसदी जीएसटी लगने का असर अब खाद्यान्न की कीमताें पर दिखने लगा है। जीएसटी 5 फीसदी बढ़ा, लेकिन चावल के दाम में 15 फीसदी और आटा पर 20 फीसदी तक वृद्धि हो गई है।
राहर दाल, सूजी और मैदा के दाम भी बढ़ गए। गेहूं की कम पैदावार और ज्यादा निर्यात होने से किल्लत पहले से ही थी। जबकि बांग्लादेश की सरकार ने अपने देश में खाद्यान्न संकट के खतरे को देखते हुए चावल से आयात शुल्क घटा दिया। नतीजा हुआ कि बिहार के बाजार से ज्यादा चावल अब भी बांग्लादेश जा रहा है। उसपर इसबार कम बारिश के चलते धान की रोपनी भी रफ्तार नहीं पकड़ सकी है। और, उस पर जीएसटी के दायरे में खाद्यान्न को लाए जाने से महंगाई और बढ़ गई है।
आम उपभाेक्ता ही नहीं, खुदरा दुकानदार भी कीमतें बढ़ने से परेशान
बिहार खुदरा विक्रेता महासंघ के महासचिव रमेश तलरेजा और अध्यक्ष अशोक चंद्रा ने कहा कि कोरोना के बाद से ही महंगाई बढ़ी हुई है। उसके बाद रूस-यूक्रेन युद्ध और अब जीएसटी ने आग में घी का काम किया है। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित खुदरा दुकानदार और आम उपभोक्ता हो रहे हैं। कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कमल नोपानी ने कहा कि खाद्य पदार्थों में पहली बार पांच फीसदी जीएसटी लगाने का सीधा असर आम उपभोक्तओं पर पड़ेगा। यह कहीं से भी न्यायसंगत नहीं है।
इन सामग्रियों के बढ़े दाम
सामग्री पहले अब
आटा 28 34 चावल 35 42 राहर दाल 100 115 मैगी 05 07 मैदा 30 35 सूजी 35 40 अमूल घी 500 525
व्यवसायी बोले-सरकार जल्द करे संशोधन
िपछले पांच सालों में जीएसटी के नियम में 1157 बार संशोधन हुआ है। इस बार भी संशोधन कर इसे दुरुस्त किया जाए। चावल-आटा समेत कुछ डेयरी प्रोडक्ट पर पांच फीसदी जीएसटी लगने से छोटे व्यवसायी और आम उपभोक्ताओं का नुकसान हो रहा है। जक्कनपुर के खाद्यान्न व्यवसायी संजय कुमार गुप्ता के अनुसार मैगी पर भी महंगाई का असर हो गया है। 5 रुपए में मिलने वाली मैगी अब 7 रुपए में मिल रही है।