सुपौल5 मिनट पहले
महिलाओं का स्वाबलंबी बनाने में जीविका महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। जिसके सकारात्मक पहल से अब तक सुपौल जिले में कई महिलाओं का जीवन स्तर सुधरा है। साथ ही महिलाएं स्वरोजगार कर स्बावलंबी भी बन रही है। इसी का एक उदाहरण सुपौल सदर अस्पताल में उपरी मंजिल पर संचालित क्षितिज जीविका दीदी की रसोई है। जहां 06 महिलाएं कैंटीन का संचालन जीविका के माध्यम से कर रही है।

इस कैंटीन से सदर अस्पताल में भर्ती मरीजों को रोजाना तीनों टाईम नाश्ते के साथ खाना बिल्कुल मुफ्त उपलब्ध करा रही है। इसके अलावा उपर में ही सुसज्जित कैंटीन में मरीज के परिजनों, अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टर, कर्मियों के साथ ही बाहर से आने वाले ग्राहकों को भी ऑर्डर पर खाना खिला रही है। साथ ही ऑर्डर मिलने पर खाने की होम डिलेवरी भी की जा रही है। इसमें खास बात यह है कि कैंटीन में बाजार में चल रहे होटलों से सस्ते दर में शाकाहारी एवं मांसाहारी खाना उपलब्ध करा रही है। जहां सुव्यवस्थित तरीके से बने कैंटीन में साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखा जा रहा है।

बाजार के होटलों में जिस खाने के लिए 60 से लेकर 400 रुपए तक चार्ज किया जाता है। वह खाना कैंटीन में जीविका दीदियां महज 55 से लेकर 120 रुपए तक में परोस रही है। इसको लेकर दीदी की रसोई से खाना खाकर निकले सदर अस्पताल डॉ सुनील कुमार ने कहा कि रोजाना इसी कैंटीन में खाता हुं। आज तक किसी प्रकार की समस्या नही हुई। यहां खाकर बिल्कुल घर जैसा स्वाद मिलता है।

सदर अस्पताल में पदस्थापन के बाद से कभी बाजार में खाना नही खाया। वहीं क्षिजित जीविका दीदी रसोई में काम कर रही रीता देवी ने बताया कि 10 अगस्त 2021 में दीदी की रसोई का शुभारंभ हुआ था। तब से कैंटीन चला रही हुं। जहां दो शिफ्ट में 06 दीदियां काम करती हैं। कैंटीन पूरी तरह से सीसीटीवी के निगरानी में है। कैंटीन में सुबह 06 बजे से रात 09 बजे तक खाना मिलता है।