गया2 घंटे पहले
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कोरोना महामारी के पहले फेज में ही मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल से गायब हुए 50 से अधिक सिलिंडरों की विभागीय व पुलिस की जांच अब तक पूरी नहीं हो सकी है। मामले की जांच के लिए गठित की गई कमेटी अब तक अपनी कार्रवाई पूरी नहीं कर सकी है। लिहाजा सिलिंडरों के गायब होने का कहानी राज ही बनी हुई है। हालांकि स्टोर प्रभारी द्वारा विभाग को लिख कर दिया जा चुका है कि गायब हुए सिलिंडरों की पूर्ति अपने स्तर से कर दी गई है। लेकिन इस बाबत अस्पताल कर्मचारियों का कहना है कि कोई भी कर्मी गायब हुए सामान के बदले नए सामान नहीं रख सकता है। वहीं जांच पूरी नहीं होने की वजह से स्टोर प्रभारी के समक्ष वेतन के लाले पड़े हुए हैं।
इधर अस्पताल अधीक्षक डॉ गोपाल कृष्ण का कहना है कि संबंधित मामले की जांच पुलिस व कमेटी कर रही है। यह मामला हमारे कार्यकाल के पूर्व का है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सिलिंडरों के गायब होने का मामला उजागर होने पर बीते वर्ष मगध मेडिकल थाना में केस दर्ज कराया गया था। संबंधित मामले में पुलिस जांच में अब तक जुटी है। वहीं अस्पताल प्रबंधन की ओर से जांच के लिए एक कमेटी भी गठित की गई थी। अचरज की बात घटना के करीब डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी अब तक किसी भी स्तर से कोई भी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई है। वहीं निलंबन की मार झेल रहे कर्मचारी के समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। लिपिक सुरजीत कुमार ने अस्पताल प्रबंधन से वेतन निर्गत किए जाने की मांग की है। इनका कहना है कि जांच में देरी और रिपोर्ट नहीं दिए जाने के पीछे कुछेक कर्मचारियों का कहीं न कहीं हाथ। जांच पूरी कर निलंबन को रद्द किए जाने की कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए।