शेखपुराकुछ ही क्षण पहले
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पोस्टमार्टम गृह के समीप खड़े परिजन व ग्रामीण
सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत पचना गांव में शेखपुरा-लखीसराय मार्ग पर स्थित एक मोबाइल विक्रेता ने दुकान के अंदर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान पचना निवासी विजय साव के 30 वर्षीय पुत्र अमरजीत कुमार के रूप में हुई। जो पचना में मोबाइल दुकान चलता था। घटना की खबर घर में मिलते ही परिजनों में चीत्कार मच गया। मौक़े पर रोते बिलखते देख हर कोई गमगीन हो गया। ग्रामीणों ने घटना की सूचना पुलिस को दिया। मौक़े पर पहुंची शेखपुरा पुलिस ने मृतक के शव को फांसी के फंदे से उतारकर पोस्टमार्टम हेतु सदर अस्पताल पहुंचाया। जानकारी के अनुसार मृतक शादीशुदा था एवं उसके तीन बच्चे भी थे। घटना के संबंध में बताया जाता है कि युवक का गांव के ही एक महिला से अवैध संबंध थे। जिसको लेकर घर में उसकी पत्नी संग हमेशा अनबन होती रहती थी। लोगों ने अंदेशा जताया की घर में हो रही कलह और गांव में हो रही बदनामी से वह तनावग्रस्त में था। जिसको वो झेल नहीं पाया हो और तनाव में आकर उसने आत्महत्या कर लिया।
सप्ताह भर में तीन आत्महत्या से शेखपुरा में हड़कंप
इधर शेखपुरा नगर परिषद में पिछले एक सप्ताह के दौरान तीन लोगों के आत्महत्या किये जाने से हर कोई स्तब्ध है। गौरतलब हो की 31 जुलाई को महुरी टोला निवासी स्व.पारसनाथ के 32 वर्षीय पुत्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, जिसके कारणों का खुलासा अब तक नहीं हो पाया है। इसके बाद 2 अगस्त को भी सिविल कोर्ट में कार्यरत महिला पुलिस कर्मी प्रिया कुमारी ने प्यार में नाकाम होकर जहर पीकर मौत को गले लगा लिया। हालांकि प्रिया कुमारी को बचाने के लिए सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने भरपूर कोशिश की, लेकिन पीएमसीएच पटना रेफर करने के बावजूद उनको बचाया नहीं जा सका। जिसके बाद तीसरी आत्महत्या की घटना शुक्रवार की सुबह देखने को मिली, जहाँ पचना गांव में मोबाइल विक्रेता अमरजीत कुमार ने घरेलू कलह से तंग आकर अपनी जान दे दी।
आखिर क्यों करते है लोग ख़ुदकुशी
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.अशोक कुमार सिंह कि मानें तो अधिकांश मामले में भय, उदासी, नींद की कमी, आवेश, चिड़चिड़ापन, अवसाद के कारण मानसिक दबाव सहने में अक्षम हो जाना आत्महत्या के प्रमुख कारण हैं। इसके अलावा घरेलू विवाद से भी बचना चाहिए। यह भी आत्महत्या का मुख्य कारण है।