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- The Encroached Land Of Co operative Bank Was Vacated For 50 Years, Paving The Way For The Construction Of Mehsaul OP’s Building.
सीतामढ़ीएक घंटा पहले
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सुरसंड रोड में जेसीबी से तोड़ा जा रहा अतिक्रमित मकान।
- सुरसंड रोड में मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में बुलडोजर चला 10 अतिक्रमणकारियों के मकान को किया गया ध्वस्त
मेहसौल ओपी के लिए शहर के सुरसंड रोड में दी सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की लीज पर ली गई जमीन पर किए गए अतिक्रमण को गुरुवार को खाली करा लिया गया। यहां 50 वर्षों से रह रहे दस अतिक्रमणकारियों को बल पूर्वक हटा दिया गया है। वहीं प्रशासनिक कार्रवाई को अतिक्रमणकारियों ने बर्बरता बताया है। उनका कहना था कि चार दिन पूर्व उन्हें नोटिस दिया गया था और पांचवें दिन ही खून पसीने के कमाई से बनाए गए पक्के मकान को तोड़ दिया गया है। वही प्रशासन ने इसे प्रावधान के अनुसार कार्रवाई बताया है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना था कि पूर्व में भी अतिक्रमणकारियों को नोटिस किया गया था। इस दौरान सुरक्षा के मद्देनजर दंडाधिकारी के रूप में डुमरा सीओ चंद्रजीत प्रकाश और सदर डीएसपी सुबोध कुमार समेत डुमरा थाना, नगर थाना, मेहसौल ओपी समेत पुलिस लाइन से रिजर्व बल मौजूद थे। बता दे कि अतिक्रमण मुक्त जगह पर मेहसौल ओपी के नए बिल्डिंग का निर्माण कराया जाएगा। वही उक्त अतिक्रमित जमीन को खाली करने के लिए सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक द्वारा पूर्व में भी जिला प्रशासन से मदद मांगी गई थी।
सुरक्षा को लेकर दो डीएसपी के नेतृत्व में भारी संख्या में मौजूद रही पुलिस बल
पोस्ट ऑफिस से 50 वर्षों से 60 रुपए प्रति माह का भुगतान कर रह रहे थे
सीतामढ़ी सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की जमीन पर करीब 50 वर्षों से 10 से अधिक लोग 60 रुपए का पोस्ट ऑफिस के जरिए प्रति माह भुगतान कर रह रहे थे। इस संबंध में कब्जाधारी रहमतुल्ला और पप्पू, भुगुनाथ सिंह कोल डिपो, मोहम्मद फैज अली उर्फ आजाद पेंटर, महादेव शर्मा, राजेंद्र सिंह, कबीर मिस्त्री, नसीर मिस्त्री, अब्दुल सत्तार एवं पप्पू का कहना है कि वर्ष वर्ष 1967 में कॉपरेटिव बैंक द्वारा उन लोग को लीज पर जमीन इकरारनामा के साथ दिया गया।
^बैंक द्वारा राशि जमा कराने के बाद भी अभी तक प्रशासन द्वारा बैंक की जमीन अतिक्रमण मुक्त नहीं करायी जा सकी थी। स्थिति को देखते हुए बैंक संचालन मंडल द्वारा 82 डिसिमल बैंक की जमीन में से 54 डिसिमल मेहसौल ओपी निर्माण के लिए जिला प्रशासन को देने एवं शेष 28 डिसिमल बैंक के विस्तार के रखने का निर्णय लिया गया है। – मधु प्रिया, अध्यक्ष, दी सीतामढ़ी सेंट्रल को-आपरेटिव बैंक, सीतामढ़ी-शिवहर
^अवैध रूप से रह रहे अतिक्रमणकारियों को तीन बार नोटिस भेजी जा चुकी है। बावजूद इन लोगों के द्वारा जमीन का दस्तावेज नहीं प्रस्तुत किया जा रहा था, जिस वजह से यह कार्रवाई की गई है। न्यायलय से भी कार्रवाई को लेकर कोई स्टे ऑर्डर प्राप्त नहीं है। जिसके बाद ये कार्रवाई की गई है।
– चंद्रजीत प्रकाश, अंचल अधिकारी, डुमरा
1989 में कोर्ट ने अतिक्रमण खाली कराने का दिया था आदेश
जबकि दी-सीतामढ़ी सेंट्रल को-आॅपरेटिव बैंक के अनुसार उनकी 82 डिसमिल कीमती जमीन अतिक्रमित है। जिसमे 54 डीसमिल जमीन मेहसौल ओपी को भवन निर्माण के लिए लीज पर दी गई है। बैंक के अनुसार 1989 में ही बिहार सरकार एवं पशुपालन विभाग बनाम दी सीतामढ़ी सेंट्रल को-आपरेटिव बैंक के मामले में न्यायालय ने बैंक के पक्ष में निर्णय दिया था। साथ ही इसे अतिक्रमण मुक्त करवाने का निर्देश जारी करते हुए बैंक को प्रशासनिक खर्च अदा आदेश दिया गया था। बैंक द्वारा अतिक्रमण हटाने को लेकर 20 पुरुष व दस महिला बल को लेकर लगभग 38 हजार 982 रुपये भी जमा कर दिए गए थे।