भागलपुर4 घंटे पहले
- कॉपी लिंक

हरिहर प्रसाद
विशेष केंद्रीय कारा में हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा काट रहे मुंगेर के हरिहर प्रसाद ने रामचरितमानस का अंगिका में अनुवाद किया है। अब कैदी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर अपनी शेष सजा काे माफ करने की गुहार लगाई है। 1991 में हुई हत्या की सजा हरिहर प्रसाद 8 मई 2016 से काट रहा है। राष्ट्रपति सचिवालय के सचिव पीसी मीणा ने राज्य के मुख्य सचिव को उसकी अर्जी पर कार्रवाई से अवगत कराने के लिए पत्र भेजा है। अब हरिहर प्रसाद के जेल जीवन और उक्त केस के रिकाॅर्ड की पड़ताल हाे रही है।
2018-19 में किया अनुवाद
हरिहर प्रसाद पहले गृहरक्षक की नौकरी करता था। अंग प्रदेश के होने के कारण उसकी अंगिका भाषा पर अच्छी पकड़ थी। इस कारण उस समय के जेलर राकेश कुमार सिंह ने हरिहर प्रसाद को रामचरितमानस का अंगिका में अनुवाद करने का हौसला दिया। उसे कागज-कलम भी उपलब्ध कराई। उनके ट्रांसफर होने के बाद दूसरे जेलर ने भी उसकी सहायता की। वर्तमान जेलर मनोज कुमार अभी अनुवाद की पांडुलिपि की प्रूफ रीडिंग कर रहे हैं। कैदी ने आग्रह किया है कि अनुवाद का प्रकाशन जेल की प्रेस से हो। हरिहर प्रसाद जेल के कैदियाें को अध्यात्म की शिक्षा दे रहा है।