अररिया29 मिनट पहले
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- आमोद शर्मा
डीईओ राजकुमार पर बेतिया में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी रहते हुए गलत तरीके से आरबीसी भुगतान और कस्तूरबा गांधी विद्यालय संचालन में गलत तरीके से भुगतान के भी आरोप आधा दर्जन विधायकों ने लगाए हैं। बड़ा बाबू को लेकर कार्रवाई करने के कितने पत्र आये पर पारदर्शिता के साथ कार्रवाई नहीं के बराबर हुई। इस मामले में वे आरडीडीई के पत्रों को भी दरकिनार करते रहे हैं।
बिहार राज्य प्रारंभिक शिंक्षक संघ, अररिया के शिकायतों पर जिप अध्यक्ष आफताब अजीम ने आरडीडीई पूर्णिया को पत्र लिखा था। इस आलोक में आरडीडीई चंद्रशेखर प्रसाद शर्मा ने डीईओ को पत्र लिखकर लगाए गए आरोपों की जांच एक सप्ताह में पूरा कर मन्तव्य मांगा था। लेकिन 16 दिन तक जब आरडीडीई को कोई जवाब नहीं गया तो उन्होंने वहीं से 4 नवंबर को टीम गठित कर दिया।टीम ने भी जांच रिपोर्ट सौंप दी है पर आजतक डीईओ स्तर से प्रधान सहायक पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
बेतिया में डीपीओ रहते हुए इन पर लगा है वित्तिय गड़बड़ी का आरोप
बता दें कि 2011 से लेकर 2014 तक राजकुमार जब बेतिया जिले में डीपीओ थे। अब उनके खिलाफ एक साथ बिहार के 6 विधानसभा सदस्य की तरफ से की गई शिकायत के बाद शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने एक्शन लेते हुए उच्च शिक्षा परिषद के उप निदेशक की अगुवाई में जांच टीम गठित कर दिया है। डीईओ राजकुमार पर बिहार के इस्लामपुर विधायक राकेश कुमार रौशन, मसौढ़ी की विधायक रेखा देवी, फुलवारी के विधायक गोपाल रविदास, गोविंदपुर के विधायक मो. कामरान, साहेबपुर कमाल के विधायक सत्तानंद सम्बुद्ध के अलावा महुआ के विधायक मुकेश रौशन ने शिक्षा मंत्री से लिखित शिकायत की थी।
इसमें बेतिया में 2011 से 2014 तक राजकुमार के समग्र शिक्षा डीपीओ रहते हुए आरबीसी का कागज पर संचालन दिखाकर भुगतान करने, समावेशी शिक्षा अंतर्गत बीईपी से वेतन पाने वाले शिक्षकों को मार्गदर्शिका के विरुद्ध भुगतान करने, असैनिक भवन निर्माण कार्य योजना में घालमेल कर आर्थिक लाभ लेने सहित कई अन्य आरोप लगे हैं। हालांकि इस सम्बंध में डीईओ या धनंजय कुमार से सम्पर्क नहीं हो पाया।
जांच टीम के रिपोर्ट के पर लिपिक पर हो कार्रवाई : संघ
बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ ने डीएम, डीईओ, डीपीओ स्थापना को कहा है कि संघ के शिकायत पर आरडीडीई कमिटि बना कर सभी आरोप का जांच कराई। जांच में कई आरोप सही पाए गए। जांच कमिटी में डीपीओ मध्यह्न भोजन. स्थापना,अररिया, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी थे। डीईओ ने नियमित शिक्षकों जून 2021 में होनेवाले स्थानांतरण को बाधित किया। जिस से उस वर्ष की रिक्त सभी पद विलोपित हो गए और शिक्षक स्थानांतरण लाभ से वंचित रह गए। संघ का आरोप था कि लिपिक अपने निवास स्थान पूर्णिया में रहकर मनमाने ढंग से कार्यालय आते एवं जाते हैं। बिना जिला मुख्यालय में आवासन किये आवास भत्ता लेकर राजस्व की हानि पहुंचा रहे हैं।
हालांकि जवाब में लिपिक ने अधिकारियों से कहा है कि शिवपुरी वार्ड 9 में वे भाड़े के मकान में रहते हैं। पत्र में लगाये गए आरोप के अनुसार लिपिक ने मोटी रकम लेकर मरणशील व विलोपित पदों पर शिक्षकों का स्थानांतरण कर दिया। कई शिक्षकों को नियम के विरुद्ध ऐच्छिक स्थानांतरण का लाभ दो बार से अधिक बार दिया। इनके बावजूद भी उनपर अभी तक कार्रवाई नहीं हुई। फ़र्ज़ी तरीके से भुगतान का आरोप लगाया है।
संघ ने डीएम,डीईओ को लिखे पत्र में चेतावनी देते हुए कहा कि उक्त लिपिक पर गंभीर आरोप प्रमाणित हो जाने के बावजूद उनपर उचित कार्रवाई नहीं होने के कारण ज़िले के शिक्षक आक्रोशित हैं। यदि उनपर शीघ्र कोई कार्रवाई नहीं हुई तो संघ मुख्यमंत्री के समाधान यात्रा का घेराव करने का निर्णय ले सकती है।